by Sinsera Says | Feb 21, 2023 | Hindi Poetry
रात बारिश हुई, खुनकी हवा में बाक़ी है, कौन आया था जो ख़ुशबू की तरह बाक़ी है… जिसके कांधों पे कोई पंख नहीं, पाँव नहीं, ठाँव नहीं फ़िर भी उड़ता है दीवाना सा बेवजह, बेजगह … कहाँ ढूँढोगे हमें दूर उफ़क तक जाकर, हम तो बादल हैं बरसते हैं चले जाते...