by Sinsera Says | Oct 11, 2023 | Hindi Poetry
ज़िन्दगी एक मौसम की तरह है. कभी धूप, कभी छाँव, कहीं बारिश की झड़ी तो कभी सूखे पतझर का आलम. मुझे जिंदगी को हमेशा पॉजिटिव नज़रिए से देखना पसंद है. हाँ होता है, कभी कभी ऐसी घनी बदली छाती है कि लगता है अब कभी उजाला होगा ही नहीं. लेकिन कुदरत का नियम है, एक के बाद दूसरा...
by Sinsera Says | Feb 21, 2023 | Hindi Poetry
रात बारिश हुई, खुनकी हवा में बाक़ी है, कौन आया था जो ख़ुशबू की तरह बाक़ी है… जिसके कांधों पे कोई पंख नहीं, पाँव नहीं, ठाँव नहीं फ़िर भी उड़ता है दीवाना सा बेवजह, बेजगह … कहाँ ढूँढोगे हमें दूर उफ़क तक जाकर, हम तो बादल हैं बरसते हैं चले जाते...