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ज़िन्दगी-ज़िन्दगी – फलसफां जिंदगी का

  ज़िन्दगी एक मौसम की तरह है. कभी धूप, कभी छाँव, कहीं बारिश की झड़ी तो कभी सूखे पतझर का आलम. मुझे जिंदगी को हमेशा पॉजिटिव नज़रिए से देखना पसंद है. हाँ होता है, कभी कभी ऐसी घनी बदली छाती है कि लगता है अब कभी उजाला होगा ही नहीं. लेकिन कुदरत का नियम है, एक के बाद दूसरा...